जनता की नाराज़गी विधायकों से और खामियाजा भुगतेंगे प्रत्याशी
लव कुमार शर्मा, हरिद्वार/ लोकसभा चुनाव का मतदान कल (शुक्रवार) को होना है। जिसके लिए पिछले 15 दिनों से प्रत्याशियों ने दिन रात मतदाताओं के बीच रहकर उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। हरिद्वार सीट से कांग्रेस के वीरेंद्र रावत और बीजेपी के त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच मुकाबला है लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार उमेश कुमार को भी नाकार नहीं सकते। उमेश कुमार किसके दम पर जीत का दावा कर रहे यह उन्हें ही मालूम होगा। कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत के साथ उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद हरीश रावत हैं जिनकी देहात क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। उन्हें भी मालूम है जीत देहात से ही होगी।
यहां एक बात गौर करने वाली है कि मतदाता में नाराज़गी भी है। सूत्रों की माने तो उनकी नाराजगी प्रत्याशी से नहीं बल्कि विधायकों से है। जनता अपने विधायकों से बहुत नाराज है। वीरेंद्र रावत को वोट नहीं मिला तो इसका कारण विधायक हो सकते हैं। कई लोगों का साफ कहना है कि उन्होंने अपने अपने क्षेत्रों में 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों को खूब वोट दिए और दिलवाए लेकिन जो उम्मीद उनसे थी उस पर विधायक खरे नहीं उतरे जिसके कारण इसका खामियाजा लोकसभा प्रत्याशी को भुगतना भी पड़ सकता है।
वैसे हरीश रावत डैमेज कंट्रोल करना जानते हैं लेकिन देखना है कि अब तक कितना डैमेज कंट्रोल किया है। आज की रात सभी प्रत्याशियों के लिए जागने वाली रात है। हरीश रावत भी इस चुनाव को अपने तरीके से लड़ रहे। सूत्रों की माने तो वह अकेले भी चुनाव जितवा सकते हैं। जो उनके बहुत निकट होते थे वह बीजेपी में चले गए।