उत्तराखण्ड धार्मिक हरिद्वार

स्वामी आदियोगी बनेंगे निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वरसनातन धर्म का गौरव हैं स्वामी आदियोगी महाराज-स्वामी कैलाशानंद गिरी


हरिद्वार / बिशनुपर कुंडी स्थित आदियोगी विद्यापीठ के परमाध्यक्ष स्वामी आदियोगी महाराज ने श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान निंरजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी एवं अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने स्वामी आदियोगी महाराज को आशीर्वाद प्रदान करते हुए उन्हें निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा की। निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि योग व अध्यात्म के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन कर रहे युवा संत स्वामी आदियोगी महाराज सनातन धर्म का गौरव हैं। महामंडलेश्वर की पदवी प्राप्त कर स्वामी आदियोगी महाराज अखाड़ा परंपरांओं का पालन करते हुए सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में योगदान करेंगे। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि योग व अध्यात्म के विद्वान संत स्वामी आदियोगी महाराज अपनी विद्वता से समाज को अध्यात्म की प्रेरणा देने के साथ निरंजनी अखाड़े की प्रगति में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी आदियोगी महाराज द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए किए विशिष्ट यज्ञ अनुष्ठान की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। स्वामी आदियोगी महाराज जैसे विद्वान संत के निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनने से अन्य युवा संतों को भी प्रेरणा मिलेगी। स्वामी आदियोगी महाराज ने कहा कि युवा वर्ग को योग व अध्यात्म की प्रेरणा देकर राष्ट्र निर्माण के कार्य से जोड़ना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। संत महापुरूषों के आशीर्वाद से अखाड़ा व संत परंपरा का पालन करते हुए इस उद्देश्य को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली है कि उन्हें निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी व अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से वरिष्ठ संतों का सानिध्य प्राप्त होगा। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी राघवेंद्रानंद, महंत विंध्यवासिनी दास, पंडित गंगा प्रसाद बड़ोला, संघ प्रचारक पदम सिंह, समाजसेवी अतुल त्यागी, स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी आदि मौजूद रहे।