उत्तराखण्ड हरिद्वार

प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के व्यापारियों ने किस प्रोजेक्ट का किया विरोध

लव कुमार शर्मा, हरिद्वार/ प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के बेनरतले व्यापारियों ने अपर रोड पर पब्लिक रैपिड टूरिस्ट रूट प्रोजेक्ट का विरोध करते हुए प्रदेश सरकार से उक्त प्रोजेक्ट को अपर रोड़ जीरो जोन क्षेत्र से बाहर किए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उक्त प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने अपने प्रोजेक्ट से संबंधित प्रोजेक्शन व्यापारियों व गंगा सभा के सम्मानित पदाधिकारियों के सम्मुख रखा इससे कोई भी वर्ग संतुष्ट नहीं दिखा।
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष डॉ० नीरज सिंघल ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि उक्त प्रकार का प्रोजेक्ट अभी पूरे भारत में कहीं नहीं आया है। बड़े शहरों में मेट्रो सिटी जहां पर यह प्रोजेक्ट लगने चाहिए शहर की पौराणिकता को समाप्त कर श्मशान बनाने की साजिश का हम पूर्ण विरोध करते हैं इस प्रोजेक्ट को क्षेत्र से बाहर किया जाये।
जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने अपने विरोध में कहा कि अपर रोड पर अर्द्ध कुम्भ व कुम्भ मेला ही नहीं अपितु पूरे वर्ष बड़े-बड़े धार्मिक जलूस निकलते हैं जिसमे बहुत उची उची धर्म पताकाऐ निकलती है।धार्मिक गुरुजन बड़ी 2 सिंहासन विराजमान होते है। यदि सड़कों के बीचो बीच वह दोनों साइड में उक्त प्रोजेक्ट के पिलर खड़े होंगे तो जगह कहां बचेगी तथा एक ऊंचाई निश्चित होने पर शाही जुलूस कैसे निकलेंगे।इस प्रोजेक्ट को बनाने में दोनों तरफ के आवासीय व व्यवसायिक भवनों को तोड़ा जाएगा जिससे इसका धार्मिक स्वरूप तो समाप्त होगा साथ ही विस्थापन उजाडे गए व्यापारियों को आत्महत्या कर मजबूर होना पड़ेगा। हरिद्वार में पहले हुए विवस्थापन इसके गवाह हैं हर की पौड़ी क्षेत्र शांतिनिकेतन गंगा बिल्डिंग गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी चित्रा टॉकीज के सामने के लोग उजाडे जाने के बाद आज तक स्थापित नहीं हो सके। हम विकास के विरोधी नहीं है लेकिन विनाश के समर्थक भी नहीं है?
संरक्षक तेज प्रकाश साहू ने अपने संबोधन में कहा आज हम अपने आप को विकसित समझते हैं कि विकास के नाम पर जिस प्रकार बात करते हैं लेकिन बसे बसाऐ को हम उजाड़ने मे जरा सा भी परहेज नहीं करते। विस्थापन व दर्द है जो कि मनुष्य को नपुंसक बनाकर घुट घुट कर मरने को मजबूर करता है यही व्यक्ति को अपराध की दुनिया की ओर धकेलता हैं।
हरिद्वार के विषम भौगोलिक परिस्थितियों अन्य बडे शहरों से भिन्न है। काशी प्रयागराज उज्जैन मथुरा में चारों तरफ बहुत तयात मे जमीन उपलब्ध हैं लेकिन हरिद्वार जैसा छोटा सा शहर जो कि मुख्यत हर की पौड़ी से लेकर रेलवे स्टेशन के डेढ़ किमी क्षेत्र बसता है उसे कुछ तथा कथित स्वार्थी आर्थिक लाभ के लिए शमशान बनाने पर तुले हैं यह क्षेत्र भी केवल लंबाई मैं है एक फिर तरफ शिवालिक पर्वतमाला दूसरी तरफ मां गंगा है उक्त तथा कथित प्रोजेक्ट के कारण तोड़े जाने वाले क्षेत्र के बाद यहां क्या बचेगा? इस अवसर पर
विनय त्रिवाल, पं० प्रदुमत्र भगत, गोपाल दास, सुनील कुमार, पवन सुखीजा, गगन गुगनानी, अजय रावल, विशाल माहेश्वरी, राजेश अग्रवाल, सूरज कुमार, सुरेश शाह, संजीव सक्सेना, आनंद फौजी, राजीव शर्मा, महेश कुमार,अमन कुमार, साहिल शर्मा, धर्मेंद्र शाह आदि शामिल थे।