मुख्यमंत्री के मॉडल जिले में पशुपालकों की आर्थिकी को मजबूती देने की दिशा में एक सराहनीय और दूरगामी पहल सामने आई है। दुग्ध उत्पादन को संगठित बाजार से जोड़ने के उद्देश्य से सशस्त्र सीमा बल और दुग्ध संघ चम्पावत के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता न केवल दुग्ध उत्पादकों के लिए राहत भरा साबित होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा देगा।
इस समझौते के तहत अब दुग्ध संघ चम्पावत द्वारा जनपद मुख्यालय के साथ-साथ टनकपुर के चुका क्षेत्र एवं सीमांत पंचेश्वर क्षेत्र में तैनात सशस्त्र सीमा बल को नियमित रूप से दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति की जाएगी। इससे स्थानीय पशुपालकों को अपने उत्पादों के लिए स्थायी, भरोसेमंद और सुनिश्चित बाजार उपलब्ध होगा, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी के साथ दुग्ध उत्पादन को भी नई दिशा मिलेगी। आज सशस्त्र सीमा बल परिसर, चम्पावत में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एसएसबी कमांडेंट सुरेंद्र विक्रम एवं दुग्ध संघ चम्पावत के महाप्रबंधक जी. एस. राणा ने समझौता पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने इस पहल को स्थानीय अर्थव्यवस्था, पशुपालन के क्षेत्र और आत्मनिर्भर ग्रामीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। समझौते से एक ओर जहां सशस्त्र सीमा बल को स्थानीय स्तर पर ताजा, शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण दुग्ध उत्पाद उपलब्ध होंगे, वहीं दूसरी ओर जनपद के सैकड़ों पशुपालकों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त होगा। यह पहल “लोकल फॉर वोकल” की भावना को साकार करते हुए सीमांत क्षेत्रों में आजीविका सुदृढ़ीकरण का मजबूत आधार बनेगी।
