राज्य सूचना आयुक्त योगेश भटट ने हरिद्वार वन प्रभाग के अधिकारियों को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाते हुए सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी को पारदर्शिता के साथ देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारत के आम नागरिकों को केंद्र सरकार ने शक्ति प्रदान करते हुए सूचना के अधिकार कानून की ताकत प्रदान की है।
जिसके चलते वह सरकारी कार्यो की जानकारी सूचना के अधिकार कानून के तहत ले सकता है। भारत सरकार ने यह कानून सरकारी सिस्टम की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए लागू किया है। इसके लिए विभागीय फाइलों को पूरी तरह से अपडेट रखा जाना अति आवश्यक है।
हरिद्वार वन प्रभाग के श्यामपुर रेंज के रसियाबड़ में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भटट ने सूचना के अधिकार अधिनियम के संबंध में वन अधिकारियों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि वन विभाग की तमाम शिकायतें अपील में आयोग तक पहुंचती है। लेकिन विभागीय फाइलों दुरस्त नहीं होने के चलते सरकारी धन का अपव्यय बढ़ता है। इसी के साथ अपीलार्थी को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने वाले जनमानस को तत्काल जानकारी दी जानी चाहिए। इससे सिस्टम की कार्यशैली और कार्यप्रणाली बेहद साफ सुथरी नजर आयेगी। वही इस कानून के दुरूप्रयोग की संभावना भी समाप्त हो जायेगी। श्री भटट ने आयोग में उपस्थिति के दौरान अपने तमाम दस्तावेजों को पूर्ण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कई अन्य मामलों के उदाहरण देते हुए बताया कि अपीलार्थी की भावना कानून का दुरूप्रयोग करके अपना हित साधने की थी। ऐसे अपीलार्थी की मूल भावना समझ में आ जाती है।
विभागीय अधिकारियों को घबराने की जरूरत नही है। अपने कर्तव्य का निर्वहन ईमानदारी और पारदर्शिता से करेंगे तो सूचना का अधिकार कानून आपका रक्षक बनेगा।
इस अवसर पर वन प्रभाग की ओर से सूचना आयुक्त योगेश भटट का बुके देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में एसीएफ हरिद्वार संदीपा शर्मा, एसीएफ रूड़की सब डिवीजन शिवि जोशी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मोहन जोशी, आरओ चिड़ियापुर हरीश गैरोला, आरओ श्यामपुर महेश शर्मा, आरओ हरिद्वार शैलेंद्र नेगी, आरओ लक्सर यशपाल सिंह राठौर, आरओ रूड़की विनय कुमार राठी, आरओ खानपुर मोहन सिंह रावत, श्रीमती मयूरी गौतम, श्रीमती किरण रावत और मोनू भट्ट शामिल रहे।