
उत्तराखंडदेहरादून

अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गायत्री महामंत्र सद्ज्ञान का बीज है। इसे प्राप्त करने और समझने के लिए साधक को सद्गुरु की शरण में जाना आवश्यक है। गायत्री महामंत्र केवल जप करने का माध्यम नहीं, बल्कि यह एक बहुआयामी सूत्र है, जिसमें जीवन का सम्पूर्ण सार समाहित है। यह मंत्र साधक को ज्ञान, प्रेरणा एवं आत्मबोध की ओर अग्रसर करता है। वे शांतिकुंज में आयोजित गायत्री जयंती महापर्व के मुख्य कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। शैलदीदी ने कहा कि गायत्री महामंत्र के तीन चरण हैं-उपासना, साधना व आराधना।