कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में भीड़ नहीं होना कहीं सोची समझी साजिश तो नहीं
लव कुमार शर्मा, हरिद्वार/ लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया। बीजेपी ने हरिद्वार सीट से अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया लेकिन कांग्रेस में अभी भी मंथन जारी है। सभी एक दूसरे का पत्ता काटने में लगे हुए हैं। अभी कुछ दिन पहले कांग्रेस ने ज्वालापुर जटवाड़ा पुल के पास एक कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया था। जिसमे हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं के शामिल होने का दंभ भरा गया था।
जिसके लिए तैयारी भी बहुत की गई लेकिन कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुट सकी। कार्यकर्ता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष, दो विधायक एक पूर्व विधायक व एआईसीसी सदस्य, जिलाध्यक्ष आदि बड़े बड़े नेता उपस्थित हुए। उसके बाद भी भीड़ नहीं आना सोचनीय प्रश्न है। सू़त्रों की माने तो कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को हरिद्वार से लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर प्रदर्शित करना था। कार्यक्रम के लिए पदाधिकारी भीड़ नहीं जुटा सके। इसका कारण आपसी मतभेद भी है।
उक्त कार्यक्रम में भीड़ जुटाने की जिन्हे जिम्मेदारी सौंपी गई थी उन्होंने पूरी निष्ठा से कार्य नहीं किया जिसके कारण कार्यक्रम फ्लॉप साबित हुआ। जिस कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष, विधायक, एआईसीसी सदस्य, जिलाध्यक्ष शामिल हों उसमे भीड़ क्यों नहीं हुई। सूत्रों की माने तो कुछ विधायकों ने आलाकमान से भी करन माहरा को टिकट का विरोध किया। उन्होंने हरीश रावत के लिए टिकट की मांग उठाई। एक धड़ा करन माहरा को टिकट के पक्ष में नहीं है। उन्हीं के इशारे पर भीड़ नहीं हो सकी या यूं कहें कि कार्यक्रम को असफल बनाने के लिए कार्य किया गया।
कांग्रेस को बीजेपी से कोई खतरा नहीं है बल्कि कांग्रेस को अपने ही लोगों से खतरा है। कार्यकर्ताओं में दबी जुबान सवाल है कि कार्यकर्ता सम्मेलन को फ्लॉप करवाने के पीछे किसका हाथ था। राजनीतिक गलियारों में इसे एक बहुत सोची समझी साजिश के तहत देखा जा रहा है।