उत्तराखण्ड हरिद्वार

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की बैठक आयोजित मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही सरकार- आदेश सैनी सम्राट

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की बैठक आयोजित
मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही सरकार-आदेश सैनी सम्राट

 

सिद्धू, हरिद्वार / ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की सैनी आश्रम में आयोजित बैठक में विभिन्न मांगों को लेकर कई प्रस्ताव पारित किए गए। महंत विनय सारस्वत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बड़ी संख्या में चालक व मालिक शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए महासचिव आदेश सैनी सम्राट ने कहा कि सरकार आॅटो विक्रम चालकों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। मालिकों व चालकों पर अनावश्यक रूप से दबाव बनाया जा रहा है।

 

आॅटो एवं विक्रम में जीपीएस लगाने की योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। उन्होंने आॅटो रिक्शा एवं विक्रम के नए सीएनजी परमिट का भी विरोध किया और कहा कि ई रिक्शा की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की आवश्यकता है। साथ ही आरटीओ कार्यालय में आॅटो रिक्शा एवं विक्रम के लिए अलग काउंटर खोला जाए। जिससे सभी आॅटो एवं विक्रम चालक आसानी से अपने काम करा सकें। आदेश सैनी ने कहा कि हिट एंट रन कानून को वापस लिया जाना चाहिए। राज्य में प्राइवेट फिटनेस सेंटर का लगातार विरोध किया जा रहा है। सरकार इस निर्णय को तत्काल वापस ले।

 

बैठक की अध्यक्षता कर रहे महंत विनय सारस्वत ने कहा कि वाहन चालकों एवं मालिकों पर अनेकों टैक्स देने के बावजूद भी अतिरिक्त भार डाला जा रहा है। जो कि तर्कसंगत नहीं है। जीपीएस, कलर कोड, प्राईवेट फिटनेस, नए सीएनजी परमिट थोपने की कोशिश की जा रही है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ई रिक्शा की बढ़ती संख्या पर भी लगाम नहीं लगायी जा रही है। राजेश भट्ट, सुदेश राणा, नरेश, मांगेराम ने कहा कि आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस चालक व मालिकों के हितों को लेकर लड़ाई लड़ रही है।

 

सरकार को वाहन मालिकों की मांगों पर गंभीरता से विचार कर फैसला लेना चाहिए। बैठक में कुलदीप कुमार सैनी, रामप्रकाश, सुरेश कुमार राणा, राजेंद्र यादव, मांगेराम, इसरार, रामवतार, प्रदीप कुमार, हरीश अरोड़ा, नरेश कुमार शर्मा, जयप्रकाश, मनोज वर्मा, अनीस, अमीर अहमद, राजीव कुमार, लोकेश गिरी, प्रमोद सिंह, मोहन, सुरेंद्र कुमार, पंकज कुमार, विजय प्रकाश आदि सहित पूरे जनपद से आए संगठन के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।