पौड़ी। जिला मुख्यालय पौड़ी में उत्तराखंड माल्टा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलन कर महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। महोत्सव में काश्तकारों द्वारा सिट्रस फलों की 6 प्रजातियों की प्रदर्शनी लगाई गई।
बुधवार को राजकीय प्रेक्षागृह में आयोजित उत्तराखण्ड माल्टा महोत्सव कार्यक्रम में विधायक राजकुमार पोरी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने महोत्सव में काश्तकारों द्वारा लगायी गयी सिट्रस प्रजाति के विभिन्न उत्पादों की आकर्षक प्रदर्शनी का अवलोकन कर काश्तकारों से संवाद किया। मुख्य अतिथि विधायक राजकुमार पोरी ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित माल्टा एवं अन्य सिट्रस फल गुणवत्ता की दृष्टि से अत्यंत उत्कृष्ट हैं। इस प्रकार के महोत्सवों का उद्देश्य केवल उत्पादों की प्रदर्शनी करना नहीं है, बल्कि काश्तकारों को सम्मान, प्रोत्साहन एवं विपणन के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना भी है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि पहाड़ी उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाए, जिससे काश्तकारों की आय में वृद्धि हो तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बन सके। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता, प्रशिक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन जैसे कार्यक्रम काश्तकारों को आधुनिक कृषि पद्धतियों से जोड़ने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने कहा कि माल्टा महोत्सव जैसे आयोजन काश्तकारों को नवाचार, गुणवत्ता सुधार एवं व्यावसायिक कृषि के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि जनपद की भौगोलिक परिस्थितियां सिट्रस फसलों के लिए अनुकूल हैं और वैज्ञानिक तकनीक, उन्नत प्रबंधन एवं बेहतर विपणन के माध्यम से काश्तकारों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने बताया कि सिट्रस उत्पादन को सुदृढ़ करने के लिए प्रशिक्षण, फील्ड डेमोंस्ट्रेशन, ग्रेडिंग -पैकेजिंग एवं मूल्य संवर्धन पर विशेष जोर तथा काश्तकारों को स्थानीय एवं बाह्य बाजारों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों एवं निजी क्षेत्र के सहयोग से प्रसंस्करण, ब्रांडिंग और विपणन को और मजबूत किया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त बनेगी।
जिला उद्यान अधिकारी मनोरंजन भंडारी ने बताया कि महोत्सव में जनपद के काश्तकारों द्वारा सिट्रस फलों की कुल 6 प्रजातियों की प्रदर्शनी लगायी गयी है। इनमें 104 काश्तकारों ने माल्टा, 33 ने नींबू, 19 ने गलगल तथा 29 काश्तकारों ने नारंगी की प्रदर्शनी में सहभागिता की है। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब माल्टे का उत्पादन करने वाले काश्तकारों के उत्पाद को पहचान, विपणन और प्रशिक्षण के लिए इस प्रकार के महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि माल्टा महोत्सव को लेकर काश्तकारों में खासा उत्साह दिखा है।
कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर तेजपाल सिंह बिष्ट सहित बड़ी संख्या में काश्तकार, उद्यान विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
