योगेश जोशी ‘योगी’ और योगी सेना ने अंधेरे में उतरकर बचाई दो जिंदगियां, 108 सेवा पर उठे गंभीर सवाल।
चंपावत। बाराकोट ब्लॉक क्षेत्रांतर्गत गुरुवार शाम करीब 7:30 बजे एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। बाराकोट से तल्ला बापरु की ओर जा रही ऑल्टो कार (संख्या UK 03 TA 2143) पिथौरागढ़ लिंक रोड पर कैलाड़ी विद्युत पावर हाउस के समीप मोड़ पर अचानक अनियंत्रित हो गई और लगभग 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में कार चालक अमित शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा एवं विक्रम सिंह पुत्र कुंवर सिंह, दोनों निवासी तल्ला बापरु, गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलते ही जिला पंचायत सदस्य योगेश जोशी ‘योगी’ के नेतृत्व में योगी सेना के युवा तुरंत मौके पर पहुंचे। गहरी खाई, अंधेरा और दुर्गम हालात के बावजूद टीम ने जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू अभियान चलाया।
कड़ी मशक्कत के बाद दोनों घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और बाराकोट चौकी को सूचना दी गई। स्थानीय लोगों के अनुसार 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को बार-बार फोन किया गया, लेकिन काफी देर तक एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने से घायलों की हालत और गंभीर हो सकती थी। मजबूरी में पुलिस वाहन से दोनों को लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। लोहाघाट अस्पताल में डॉ. अजीम एवं उनकी टीम ने प्राथमिक उपचार किया। चिकित्सकों के अनुसार अमित शर्मा के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें पहले चंपावत जिला चिकित्सालय भेजा गया, जहां सीटी स्कैन के बाद हालत गंभीर होने पर हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। वहीं विक्रम सिंह के सिर में भी चोटें आई हैं, लेकिन उनकी स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है।

जनप्रतिनिधियों में आक्रोश, 108 सेवा पर सवाल जिला पंचायत सदस्य योगेश जोशी ‘योगी’ ने कहा कि, “बाराकोट और लोहाघाट दोनों स्थानों से 108 एंबुलेंस को कॉल की गई, लेकिन समय पर सेवा नहीं मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। गंभीर घायल को निजी साधन से भेजना पड़ा। यह लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है।” इस घटना को लेकर क्षेत्रीय युवाओं और जनप्रतिनिधियों में गहरा रोष व्याप्त है। रेस्क्यू अभियान में योगी सेना के विजय नाथ, सूरज बिष्ट, सोनू चौधरी, ललित मोहन, राहुल जोशी, शुभम बिष्ट, हिमांशु नाथ, हिमांशु जोशी, सौरभ नाथ, धीरज सिंह सहित कई युवाओं ने सराहनीय योगदान दिया। यह हादसा न सिर्फ सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं की तत्परता पर भी गंभीर मंथन की जरूरत को उजागर करता है।
