उत्तराखण्ड हरिद्वार

ऋषिकुल मैदान में गड्ढे खोदे जाने के विरोध में भाजपा पार्षदों ने किया विरोध प्रदर्शन : देखें वीडियो

ऋषिकुल मैदान में गड्ढे खोदे जाने के विरोध में भाजपा पार्षदों ने किया विरोध प्रदर्शन

 

हरिद्वार।ऋषिकुल विद्यापीठ के मैदान में अवैध रूप से गड्डे खोदे जाने आरोप लगाते हुए उसके विरोध में भाजपा पार्षदों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया तथा दो दिन के भीतर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई व गड्ढे न भरवाने की स्थिति में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी।

शनिवार सुबह भाजपा पार्षदों ने ऋषिकुल विद्यापीठ के मैदान में पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए ऋषिकुल विद्यापीठ की संस्था पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए ऋषिकुल विद्यापीठ की संस्था द्वारा गड्डे खोदे गए है।

भाजपा पार्षद ललित रावत ने कहा कि ऋषिकुल मैदान में किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से गड्डे खोदे गए हैं जिसकी वजह से कभी जानमाल की हानि हो सकती है क्योंकि मैदान में आसपास की कालोनियों के बच्चे खेलने जाते है किए गए गद्दों की वजह से कभी भी कोई भी बच्चा अगर गड्ढे में गिर गया तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है ।

पार्षद ललित सिंह रावत ने ऋषिकुल संस्था कार्यालय तथा संबंधित अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसकी अनुमति से व्यक्ति विशेष द्वारा खाई खोदी गई है और किसको लाभ पहुंचाने का कार्य किया गया है यह जांच का विषय है जबकि एक छोटा सा कार्य करने के लिए भी संस्था द्वारा अनुमति लेनी पड़ती हैं तो गड्डे खोदे जाने की अनुमति किसने क्यों नही दी गई और अगर अनुमति दी गई है तो क्या गड्डे खुले छोड़े जाने के लिए अनुमति दी गई है ताकि गढ़ों में गिरकर कोई जनहानि हो सके।

भाजपा पार्षद सपना शर्मा ने कहा कि अगर दो दिन के भीतर गड्डे नहीं भरे जाते तो जबरदस्त धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

भाजपा पार्षद परविंदर सिंह गिल ने कहा कि हम सभी पार्षद स्थानीय पार्षद ललित सिंह रावत के साथ हैं हम प्रशासन से जांच की मांग करते हैं कि मैदान में गड्ढे किसकी अनुमति से और क्यों खोदे गए इसकी जांच करते हुए जनहित में गड्डे तुरन्त भरे जाए। विरोध प्रदर्शन करने वालों में भाजपा पार्षद ललित सिंह रावत, परविंदर सिंह गिल ,सतेंद्र चौधरी , सपना शर्मा, प्रीत कमल , विकास कुमार विक्की, नेपाल सिंह , पिंकी चौधरी , आशा सारस्वत , विनीत जोली, विवेक उनियाल आदि मौजूद थे।