उत्तराखण्ड हरिद्वार

किन सात बीजेपी पार्षदों को और क्यों मेयर ने थमाया नोटिस

लव कुमार शर्मा, हरिद्वार/ तीन दिन पूर्व नगर निगम की बोर्ड बैठक के दौरान मेयर और बीजेपी पार्षदों के बीच हुई नोंक झोंक पर मेयर ने बीजेपी के सात पार्षदों को अनुशासनहीनता का नोटिस भेज तीन दिन में जवाब मांगा है। जवाब नहीं आने पर सातों की सदस्यता भी रद्द हो सकती है। ज्ञात हो कि रविवार को बोर्ड बैठक से पूर्व मेयर अनिता शर्मा के पति अशोक शर्मा टाउन हॉल के बाहर नगर निगम की भूमि पर अवैध कब्जों के विरोध में धरने पर बैठ गए। इस दौरान उनके शर्ट के बटन खुले होने पर बीजेपी महिला पार्षदों ने इसे अपमान बताकर हंगामा किया। मेयर ने बुधवार को सात पार्षदों मोनिका सैनी, सपना शर्मा, निशा नौडियाल, लोकेश पाल, अनुज सिंह, अनिरूद्ध भाटी, सुनील अग्रवाल को बैठक के दौरान अनुशासनहीनता और अमर्यादित आचरण का नोटिस भेजा। साथ ही उन्होंने लिखा कि टाउनहाल में आहूत नगर निगम हरिद्वार के बजट अधिवेशन में आप सदन की कार्यवाही के दौरान बिना अधोहस्ताक्षरी को सूचित किये हुये सदन से उठकर बाहर चले गये तथा थोड़ी देर के पश्चात् सदन में उपस्थित होकर आप द्वारा कहा गया कि मेरे पति अशोक शर्मा सदन के बाहर अर्द्धनग्न होकर अश्लीलता कर रहे हैं, जिस कारण आप महिला पार्षद आपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहें है और आपको गनर सुरक्षा उपलब्ध करायी जाने हेतु कहा गया।

उक्तानुसार आप द्वारा अमर्यादित आचरण करते हुए सदन में अपशब्दों का प्रयोग किया गया। समाचार पत्रों में भी आपके अमर्यादित आचरण पर टिप्पणी करते हुए लिखा गया कि सदन में पहली बार ऐसी शब्दावली का प्रयोग किया गया, जो लिखने योग्य नही है। आपके अमर्यादित आचरण के कारण सदन की गरीमा भी गिरी है और बजट अधिवेशन स्थगित करना पड़ा है, जिसका सीधा असर जनहित एवं विकास के कार्यों पर पडेगा ।
तीन दिवस के अन्दर साक्ष्य व प्रमाण, प्रस्तुत करें कि मेरे पति अर्द्धनग्न अवस्था में सदन के बाहर बैठे हुए थे अथवा उनके द्वारा अभद्र अश्लील आचरण किया गया हो अथवा अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया हो, अन्यथा यह मानते हुए कि आप द्वारा जानबूझकर निगम में अव्यवस्था उत्पन्न करने एवं मुझे व मेरे पति को बदनाम करने के उद्देश्य से सदन में हंगामा एवं अमर्यादित आचरण किया गया तथा सदन की कार्यवाही के दौरान आप द्वारा बिना अधोहस्ताक्षरी की अनुमति के सदन से बाहर होने का स्पष्टीकरण प्रस्तुत करे, यदि आपके द्वारा 3 दिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत अथवा स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने के कारण आपके विरूद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने के साथ-साथ आपकी सदस्यता निरस्त करने की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी जिसका समस्त उत्तरदायित्व आपका होगा।