चंपावत: मुख्य सचिव आनंद वर्धन का दौरा कई मायनो में सीएम पुष्कर सिंह धामी की परिकल्पनाओ के अनुसार बनाए जा रहे “चंपावत मॉडल जिला” के लिए न केवल नई कडियां जोड़ गया है, बल्कि तमाम बड़े-बड़े प्रोजेक्टों, परियोजनाओं एवं विभिन्न कॉरिडोरो से जुड़े विभिन्न विभागीय कार्यों में भी तेजी के द्वार खुल गए हैं। उन्होंने आदर्श जिले से जुड़े मंडलीय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों से स्पष्ट किया कि हर कार्य में पारदर्शिता, गुणवत्ता, तकनीकी माप दंडों एवं उनमें विश्वनीयता का दर्पण होने के साथ प्रत्येक कार्यों को निर्धारित समय में पूरा किया जाए। उन्होंने पूर्णागिरी धाम में वर्षभर मेला आयोजित करने की मां. मुख्यमंत्री जी की घोषणा को कार्य रूप देने लिए 40 करोड़ की लागत से बनने वाले रोपवे का निर्माण कार्य मई 2027 तक पूरा करने, जगबुड़ा पुल से बनबसा तक 177. 24 करोड़ की लागत तथा 3.83 किमी लंबी फोर लेन सड़क को अप्रैल 2027 तक समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए।
इस कार्य में और तेजी लाने के लिए मंडलायुक्त स्वयं समन्वय स्थापित करेंगे। नेपाल सीमा के चंदनी में 502 करोड़ की लागत बनने जा रहे इंग्लैंड पोर्ट को भी हरी झंडी दी गई है। टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन का तीन चरणों का सर्वेक्षण किया जा चुका है, जिसमें चंपावत, लोहाघाट प्रमुख नगरों को भी इस लाइन से जोड़ा जाएगा। टनकपुर बनबसा के नगरीय क्षेत्रों में जहां स्थाई जल निकाशी के साथ बाढ़ नियंत्रण, नदियों से हो रहे कटाव एवं उनके चैनलाइजेशन में गति लाने के निर्देश दिए। टनकपुर में 171.54 करोड़ की लागत से 55 किमी लंबी पाइप लाइन के कार्य पर और तेजी लाने के निर्देश दिये। टनकपुर में बन रही आइएसबीटी पूर्णागिरी मेले को नए आयामों से जोड़ेगी। इसके बनने से देश के कौने कौने से यात्री यहां पहुंच सकेंगे। बृजकुल द्वारा किरोडा नाले में बृजपुल का निर्माण करने के साथ पूर्णागिरी मेले में भी इसका लाभ मिलेगा। इससे चार गांवों की करीब 5 हजार की आबादी के अलावा पूर्णागिरी मेले को और सुगम बनाएगा।
मुख्य सचिव ने टनकपुर एनएचपीसी बैराज से शारदा नदी से हो रहे कटान का माफालॉजी एवं वैज्ञानिक अध्ययन करने के बाद बैराज के डाउन स्ट्रीम की तरह अपस्ट्रीम में भी खनन का प्रस्ताव बनाने को कहां। 500 मीटर लंबे शारदा घाट के निर्माण के साथ शारदा नदी का रुख मोड़ने को प्रस्तावित किया गया। उन्होंने किरोडा नाले पर दो स्थानों में 480 तथा 120 मीटर लंबे पुलों के निर्माण को आवश्यक बताते हुए तकनीकी आधार पर किरोडा नाले के चेनलाइजकेशन एवं बाढ सुरक्षा कार्य प्रस्तावित करने को कहा। बूम में उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुनते हुए शारदा नदी से हो रहे कटाव पर प्रभावी कदम उठाने को कहा। पूर्णागिरी मार्ग के बाटला गाड़ में 270 मीटर लंबे पुल के प्रथम चरण की स्वीकृति मिलने के साथ उन्होंने इस कार्य में तेजी लाने के लिए विभागीय समन्वय पर विशेष बल दिया। श्यामलाताल में उन्होंने झील के सौंदरीकरण के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। स्वाला डेंजर जॉन पर उन्होंने शीघ्र बाईपास का प्रस्ताव देने के साथ अप्रैल 2026 तक सारे ट्रीटमेंट कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। उनका कहना था कि करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद यदि लोगों की राह थमती है तो इससे बड़ा दुर्भाग्य दूसरा नहीं हो सकता है।
बहुत जल्द फिर आऊंगा अभी तो आधा जिला ही देखा है- मुख्य सचिव।
चंपावत: पहली बार चंपावत जिले में आए मुख्य सचिव को यहां चारों ओर से बह रही आध्यात्मिकता की बयार, गुरु नानक देव, स्वामी विवेकानंद एवं गुरु गोरखनाथ के चरणों से पवित्र हुई यहां की माटी से निकलने वाली सुगंध, सेवा व समर्पण का भाव चारों ओर प्रकृति की बसाई गई नियामतें एवं चमकते दमकते हिमालय की कलाबाजियो ने उन्हें अपने आगोश में बांध लिया है। उनका कहना है कि उन्होंने कहा इससे इस ओर पहले आने का सौभाग्य नहीं मिला। यहां के लोग कितने भाग्यशाली हैं जिन्हें ऐसे परिवेश में रहने का उनके पूर्वजों ने मौका दिया है। मैं बहुत जल्द यहां का फिर दौरा कर मा. मुख्यमंत्री जी की परिकल्पना के अनुरूप बनाए जा रहे मॉडल जिले के रूप व स्वरूप में नई कड़ियां जोड़ने का प्रयास करूंगा। मुख्य सचिव ने आश्चर्य व्यक्त किया कि यहां की ऐसी सुंदर आवोहवा, प्रकृति का सुरम्य नजारा, यहां कण कण में देवभूमि का देवत्व परिलक्षित होता है। जहां के लोग प्रकृति की तरह शांत स्वभाव के हैं। ऐसे स्वर्ग की अनुभूति करने वाले वातावरण को छोड़कर क्यों यहां के लोग मैदानो में भीड़ का हिस्सा बन रहे हैं ? हमें अब उन सबको चंपावत जिले की बदलती तस्वीर को दिखाने के लिए लाना होगा। मुझे पूरा यकीन है कि पलायन कर चुके लोग फिर अपने पूर्वजों की माटी का तिलक लगाकर यहां के गांव को गुलजार करेंगे।
मुख्य सचिव ने माना कि जिलाधिकारी की “क्विक एक्शन” की कार्य संस्कृति से मॉडल जिला दौड़ लगा रहा है।
चंपावत : मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने अपने भ्रमण के दौरान मॉडल जिले के लिए स्वीकृत विकास कार्यों की समीक्षा के साथ स्थल निरीक्षण में पाया कि जिलाधिकारी मनीष कुमार की “क्विक एक्शन” की कार्य संस्कृति से यहां संचालित बड़े-बड़े प्रोजेक्ट आपसी सहयोग व समन्वय से बहुत जल्दी पटरी पर आ चुके हैं तथा नए प्रोजेक्ट में तेजी से पहल की जा रही है।रोज 12 से 14 घंटे जिले के नियोजन एवं संयोजन में अपना ध्यान केंद्रित कर रहे जिलाधिकारी ने आम जनमानस में प्रशासन के प्रति इतना विश्वास पैदा किया है कि अब सामान्य से सामान्य लोगों को अपने दुख दर्द एवं समस्या बताते हुए उन्हें उनका तत्काल परिणाम मिल रहा है। जिलाधिकारी का “जन मिलन कार्यक्रम”तो गरीबों के लिए ऐसा बूस्टर डोज बन गया है जहां उन्हें हर समय का त्वरित संधान मिल रहा है। दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे इस बात की तस्दीक करते हैं कि जिलाधिकारी ने अपनी “क्विक एक्शन” एवं “प्रशासनिक कार्यशैली” से आम लोगों को प्रशासन के बहुत नजदीक ला दिया है, जहां गरीब व्यक्ति भी अपनी बात कर सकता है। यह सब हम हमारे लिए एक गर्व की बात है। उधर मुख्य सचिव ने चंपावत जिले में चल रहे जन मिलन कार्यक्रमों की सफलता को देखते हुए अन्य जनपद में भी इसे संचालित करने की आवश्यकता अनुभव की है।
