उत्तराखण्ड हरिद्वार

दुर्गम दैत्य का वध करने पर माता भगवती का नाम दुर्गा पड़ा-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री


हरिद्वार / श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में शास्त्री नगर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के अष्टम दिवस पर कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि मां भगवती का नाम दुर्गा कैसे पड़ा। शास्त्री ने बताया कि दुर्गम नामक दैत्य ने ब्रह्मा की तपस्या कर समस्त वेद पुराण तंत्र मंत्र औषधियां सब उसके आधीन हो जाने और समस्त देवता उससे पराजित हो जाने का वरदान प्राप्त किया था। ब्रह्मा के वरदान स्वरूप समस्त वेद पुराण तंत्र मंत्र औषधियां दुर्गम दैत्य के अधीन हो गए। दुर्गम दैत्य के डर से सभी देवता गिरिकंदराओं में जाकर के छुप गए। पृथ्वी पर सभी वेद पुराण और मंत्र लुप्त हो जाने से हाहाकार मच गया। सभी ने मिलकर मां भगवती जगदंबा की स्तुति की। स्तुति से प्रसन्न होकर मां भगवती जगदंबा ने प्रकट होकर दुर्गम दैत्य के साथ युद्ध कर उसका संहार। तभी से मां भगवती का नाम दुर्गा पडा। जो भी भक्त श्रद्धा भक्ति के साथ मां दुर्गा की पूजा आराधना करता ह। मां दुर्गा उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण कर देती हैं। कथा में मुख्य जजमान आदेश शर्मा, नीति शर्मा, मीनू सचदेवा, संजय सचदेवा, पुष्पा श्रीवास्तव, पार्षद राजेंद्र कटारिया, अरुण सिंह राणा, संतोष बब्बर, विवेक भाटिया, कमलनयन गोस्वामी, बीना आहूजा, देवेंद्र कुमार, कुलदीप शर्मा, लोकेश शर्मा, रामबाबू, सूरज शुक्ला, धूम सिंह वर्मा, ओमप्रकाश कुकरेजा, शांति दर्गन, बीना धवन आदि ने मां भगवती दुर्गा का पूजन किया।