उत्तराखण्ड हरिद्वार

अपर रोड़ जीरो जोन क्षेत्र को पाॅड कार रूट से बाहर करने की मांग को लेकर व्यापारियों ने किया प्रदर्शन


छोटे शहरों के बजाए मेट्रो सिटी में लगाया जाए पाॅड कार प्रोजेक्ट-डा.नीरज सिंघल
प्रोजेक्ट के चलते व्यापारियों को होगा नुकसान-संजय त्रिवाल

हरिद्वार / अपर रोड़ जीरो जोन क्षेत्र को पाॅड कार रूट से बाहर करने की मांग को लेकर व्यापारियों ने अपर रोड़ पर प्रदर्शन किया। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने कहा कि प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने व्यापारियों व गंगा सभा पदाधिकारियों के समक्ष योजना का जो प्रजेंटेेंशन दिया है। उससे कोई भी वर्ग संतुष्ट नहीं है। प्रदर्शन के दौरान प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष डा.नीरज सिंघल ने कहा कि इस प्रकार के प्रोजेक्ट मेट्रो सिटी में लगाए जाने चाहिए। हरिद्वार जैसे पौराणिक शहर की पोराणिकता को समाप्त करने का व्यापारी पूरा विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि पू प्रोजेक्ट को क्षेत्र से बाहर किया जाये। जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान अपर रोड होकर की अखाड़ों की पेशवाई हरकी पैड़ी जाती हैं। जिसमें बहुत ऊंची ऊची धर्म पताकाएं भी शामिल होती हैं। कांवड़ मेले के दौराना लाखों शिवभक्त कांवड़ों में गंगाजल भरने इसी मार्ग से हरकी पैड़ी जाते हैं। यदि सड़कों के प्रोजेक्ट के पिलर खड़े होंगे तो जगह नहीं बचेगी। दोनों तरफ के आवासीय व व्यवसायिक भवनों को तोड़ा जाएगा। जिससे शहर का धार्मिक स्वरूप तो समाप्त होगा ही। साथ ही विस्थापन होने पर व्यापारियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हर की पौड़ी क्षेत्र, शांति निकेतन, गंगा बिल्डिंग, गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी, चित्रा टॉकीज के सामने से हटाए गए व्यापारी आज तक स्थापित नहीं सके है। उन्होंने कहा कि व्यापारी विकास के विरोधी नहीं है। लेकिन विनाश के समर्थक भी नहीं हैं। संरक्षक तेज प्रकाश साहू ने कहा कि हरिद्वार की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य बडे शहरों से भिन्न है। काशी, प्रयागराज, उज्जैन, मथुरा में चारों तरफ बहुतायात मे जमीन उपलब्ध हैं। लेकिन हरिद्वार लंबाई में बसा एक छोटा सा शहर है। जिसके एक तरफ शिवालिक पर्वतमाला दूसरी तरफ गंगा है। कुछ स्वार्थी लोग शहर का स्वरूप बिगाड़ने के साथ व्यापारियों को तबाह करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में विनय त्रिवाल, पं.प्रदुमन भगत, गोपाल दास, सुनील कुमार, पवन सुखीजा, गगन गुगनानी, अजय रावल, विशाल माहेश्वरी, राजेश अग्रवाल, सूरज कुमार, सुरेश शाह, संजीव सक्सेना, आनंद फौजी, राजीव शर्मा, महेश कुमार, अमन कुमार साहिल शर्मा, धर्मेंद्र शाह आदि व्यापारी प्रमुख रूप से शामिल रहे।