हरिद्वार, 15 जून। राजस्थान की सामाजिक संस्था श्रीनाथ गौशाला ट्रस्ट द्वारा पांच सौ लावारिस लोगों की अस्थियों का हरकी ब्रह्मकुंड पर विसर्जन किया गया। गंगा में विसर्जित की गयी लावारिसों की अस्थियां राजस्थान के विभिन्न स्थानों से एकत्र हरिद्वार लायी गयी थी। वैदिक विधान से सभी अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया गया। संस्था की अध्यक्ष संतोष जायसवाल ने बताया कि संस्था राजस्थान के विभिन्न स्थानों से लावारिस लोगों की अस्थियों को एकत्र हरिद्वार लाकर गंगा में विसर्जित करती है। इसमें आने वाला पूरा खर्च संस्था वहन करती है। उन्होंने बताया कि 2011 से शुरू किए लावारिस अस्थियों के विसर्जन अभियान के तहत अब तक 7000 लावारिसों की अस्थियां गंगा में विसर्जित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अभियान लगातार चलाया जाएगा। अस्थि विसर्जन में स्थानीय भाजपा नेता एवं समाजसेवी डा.विशाल गर्ग एवं पुण्यदायी अभियान सेवा समिति के पदाधिकारी व सदस्य भी शामिल रहे। डा.विशाल गर्ग ने बताया कि सनातन हिंदू संस्कृति में बताए गए 16 संस्कारों में सबसे अंतिम अस्थि विसर्जन संस्कार के बाद ही मृत आत्मा को सद्गति व शांति प्राप्त होती है। लेकिन दुर्भाग्य से अनेक लावारिसों की मृत्यु के बाद उनकी अस्थियों को गंगा की गोद नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि श्रीनाथ गौशाला चैरिटेबल ट्रस्ट लावारिसों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर सराहनीय कार्य कर रही है। इसके लिए संस्था के पदाधिकारी व सदस्य साधुवाद के पात्र है। अन्य संस्थाओं व संगठनों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। इस दौरान आशा शर्मा, रविंद्र गोयल, अवनीश गोयल, बीके मेहरा, आनंद प्रकाश आदि मौजूद रहे।